सेंट्रल विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाडा संपन्न
बठिंडा, 28 सितम्बर (अशोक वर्मा)
सेंट्रल विश्वविद्यालय बठिंडा में कुलपति आचार्य राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में राजभाषा कार्यान्वयन समिति तथा हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 14 से 28 सितम्बर तक आयोजित हिंदी पखवाडा 2022 एक विशेष कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआI वुधवार को आयोजित हुए समापन समारोह के दौरान शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल भाई कोठारी बतौर मुख्य अतिथि और हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के कुलाधिपति पद्मश्री आचार्य हरमहेंद्र सिंह बेदी बतौर मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित हुएI
अपने उद्बोधन में आचार्य हरमहेंद्र सिंह बेदी जी ने कहा कि पंजाब और सप्त सिन्धु क्षेत्र की भूमि हमारी भारतीय संस्कृति के मूल्यों और हिंदी भाषा के वैश्विक स्तर पर प्रचार प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई हैI चूँकि इस पवित्र भूमि पर प्राचीन ग्रन्थ रिग वेद रचा गया, इस भूमि पर प्रथम सिख गुरु श्री गुरु नानक देव जी ने मानवता की रक्षा हेतु जन मानस का मार्गदर्शन किया और सिख गुरु साहिबानों ने हिंदी तथा संस्कृत भाषा में संगृहीत ज्ञान को अपनी वाणी के माध्यम से पवित्र ग्रन्थ श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में दर्ज कियाI उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद, हिंदी साहित्य के कवियों और आज़ादी के उपरांत भारत सरकार के प्रयासों के कारण पिछली एक शताब्दी से हिंदी भाषा को सीखने के प्रति पाश्चात्य जगत में जिज्ञासा बढ़ी हैI इसी कारण आज 155 देशों में छात्र हिंदी भाषा में अध्य्यन कर रहें हैंI वर्तमान में विश्व भर में 70 करोड़ से अधिक लोग हिंदी बोलना व पढना-लिखना जानते हैंI
वहीं, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल भाई कोठारी जी ने हिंदी भाषा का वैश्विक संदर्भ विषय पर अपने विचार रखते हुए यह साझा किया कि वर्तमान में हिंदी दुनिया की सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषाओं में से एक बन चुकी है और इंटरनेट की दुनिया में हिंदी भाषा में देखे जाने वाले वीडियो और कंटेंट में वृद्धि की रफ्तार अंग्रेजी भाषा में देखे जाने वाले कंटेंट की तुलना में कई गुना अधिक हैI उन्होंने कहा कि विभिन्न शोध अध्ययन के अनुसार यह सिद्ध हुआ है कि हिंदी भाषा मनुष्य के मस्तिष्क को विकसित करने में सहायक सिद्ध होती है और इस भाषा को सीखना काफी आसान हैंI उन्होंने सभी से अपनी मातृभाषा में हस्ताक्षर करने और हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं के प्रचार प्रसार में अपना योगदान देने का आह्वान किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति आचार्य राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने मुख्य अतिथि के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी भाषा भारत के विभिन्न राज्यों के लोगों को जोड़ने के लिए एक संपर्क भाषा के रूप में कार्य करती है और हम सभी को हिंदी भाषा को दुनिया की संपर्क भाषा बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत रहना होगा। उन्होंने सभी से अपनी मातृभाषा में निपुणता हासिल करने और अन्य भाषाओं को सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर कुलपति आचार्य राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी और विशिष्ट अतिथियों ने हिंदी पखवाडा के अंतर्गत आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया। हिंदी पखवाडा में आयोजित हुई पोस्टर प्रतियोगिता में कशिश गोयल, कविता गायन प्रतियोगिता में डॉ. गौरी शंकर; हिंदी लोक गीत प्रतियोगिता में हिमांशु; टिप्पण एवं प्रारूपण प्रतियोगिता में श्री ऋषिकेश शर्मा; कार्यालयी हिंदी अनुवाद प्रतियोगिता में प्रो. राजेश कुमार जांगिड़; टंकण प्रतियोगिता में श्री पंकज शर्मा; आशु भाषण प्रतियोगिता में दिव्या चौधरी; मुहावरे, लोकोक्तियों और चौपाइयों की अंत्याक्षरी प्रतियोगिता में डॉ. यशी श्रीवास्तव, सपना कुमारी तथा अंकिता की टीम; और रंगोली प्रतियोगिता में कंगन शर्मा, कशिश गोयल, लक्ष्मी प्रिय जेना, राहुल महतो तथा गर्विता शर्मा की टीम ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त 27 सितंबर, 2022 को आयोजित की गई अंतरराष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में रवि रंजन (झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय) को प्रथम पुरस्कार; सूरज रंजन को द्वितीय पुरस्कार; और रुबिका (कर्नाटक केन्द्रीय विश्वविद्यालय) को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।