जिला पुलिस ‘स्वरूप’ बरामद कर एवं आरोपियों को गिरफ्तार करे यां फिर संगत द्वारा जबरदस्त आंदोलन के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी
राजेश गौतम पटियाला 8अगस्त:2020
शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी(एसजीपीसी) के अध्यक्ष भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पटियाला की सासंद परनीत कौर को मूकदर्शक बने रहें और यहां तक कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के स्वरूप के बाद बैचेन सिख संगत को दिलासा देने से इंकार कर दिया, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज मुख्यमंत्री के मोती महल आवास के पास अरदासपुरा साहिब गुरुद्वारा से चोरी हो गए थे।
पटियाला के एसएसपी कार्यालय के सामने आयोजित ‘धरने ’ को संबोधित करते हुए एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुरुद्वारे से ऐतिहासिक ‘स्वरूप’ चोरी हुए को 17 दिन हो गए हैं लेकिन मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी परनीत कौर जो पटियाला की सांसद हैं ने इस नीचतापूर्ण कृत्य की निंदा करते हुए एक भी शब्द नही बोला था। जिला पुलिस को जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने की चेतावनी देते हुए भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि अगर ऐसा नही किया गया तो एसजीपीसी को इस मामले में न्याय सुनिश्चित करवाने के लिए जबरदस्ती आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
भाई लोंगोवाल ने कहा कि सिख पंथ के साथ साथ एसजीपीसी तथा शिरोमणी अकाली दल सहित प्रतिनिधि निकायों को कमजोर करने के लिए सिख विरोधी ताकतों द्वारा उठाए जा रहे कदमों में स्वरूप की चोरी करना एक ओर प्रयास था। उन्होने कहा कि कुछ ‘जत्थेबंदियां’ भी कांग्रेस पार्टी के हाथों में खेल रही हैं। उन्होने कहा कि कांग्रेस द्वारा बेअदबी के मामलों के बाद सिख समुदाय को विभाजित करने के लिए उन्ही संगठनों का इस्तेमाल किया गया और वे कल्याण गांव से स्वरूप की चोरी के बारे में चुप रहकर फिर से कांग्रेस के हाथों में खेल रहे हैं।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया जिसमें एसजीपीसी के वरिष्ठ सदस्य राजिंदर सिंह मेहता, गुरबख्श सिंह खालसा, हरिंदर सिंह धामी और कुलदीप कौर टोहड़ा को एसएसपी कार्यालय में पेश हुए और उन्होने ‘स्वरूप’ की प्राप्ती के लिए और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एक मेमोरेंडम सौंपा। भाई लोंगोवाल ने बाद में पत्रकारों को बताया कि एसजीपीसी को विरोध करने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि जिला पुलिस ने जघन्य अपराध को लापरवाही से लिया था और अपराधियों को पकड़ने के लिए आवश्यक प्रयास नही किए।
इससे पहले धरना स्थल पर ‘संगत’ ने सतनाम वाहेगुरु’ जपा और जिला पुलिस और प्रशासन के साथ साथ कांग्रेस के मंत्रियों और क्षेत्र के विधायकों के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया क्योंकि उनमें से किसी ने भी न तो घटना की निंदा की और न ही गुरुद्वारा अरदासपुरा साहिब का दौरा कर संगत के साथ एकजुटता व्यक्त की। वरिष्ठ नेता गुरचरन सिंह ग्रेवाल ने घोषणा की कि अगर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नही की ता एसजीपीसी 18 अगस्त को अगली कार्रवाई की घोषणा करेगी। स्थानीय एसजीपीसी मैंबर सतविंदर सिंह टोहड़ा ने इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए एसजीपीसी के प्रयास का समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या में सामने आई एसजीपीसी कार्यकारिणी, मैंबरज् और संगत का धन्यवाद किया।