एसीपी अनिल कोहली के भोग में शामिल हुए, पत्नी को चैक और बेटे को सौंपा नियुक्ति पत्र
– 11 पंजाब पुलिस कर्मचारियों को ‘डीजीपी आनर फाॅर इग्जेम्पलरी सर्विस टू सोसायटी’ पुरुस्कार के साथ किये सम्मानित
दविंंदर डी के लुधियाना, 10 मई 2020
पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने रविवार को जिला लुधियाना की जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए लुधियाना कमिश्नरेट का दौरा किया और कोविड-19 महामारी के साथ निपटने के लिए पुलिस द्वारा किये प्रबंधों का जायजा लिया।
डीजीपी ने पंजाब के पहले पुलिस कोरोना शहीद एसीपी अनिल कोहली को श्रद्धाँजलि भी भेंट की, जो कोरोना के विरुद्ध जंग में पहली कतार में काम करते हुए 18 अप्रैल को शहीद हो गए थे। डीजीपी कोहली के भोग समागम में शामिल हुए और दुखी परिवार के साथ गहरा दुख और एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने अनिल कोहली के पुत्र पारस कोहली को नियुक्ति पत्र और उनकी पत्नी पलक कोहली को वित्तीय सहायता के लिए चैक भी सौंपा। इस मौके पर पंजाब के खाद्य एवं सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री भारत भूषण आशु, विधायक श्री राकेश पांडे, विधायक श्री सुरिन्दर डावर, डिप्टी कमिश्नर श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर श्री राकेश कुमार अग्रवाल और अन्य लोग उपस्थित थे।
राज्य में फैले कोविड-19 के कारण भोग में शरीक न होने के कारण राज्य भर से 20,000 से अधिक लोग और पुलिस अधिकारी इन्टरनेट पर सीधे प्रसारण के द्वारा भोग समारोह में शामिल हुए। इनमें एडीजीपीज, आईजी / डीआईजी और राज्य के सभी एसएसपी शामिल थे।
इससे पहले पुलिस लाईन, लुधियाना में सीनियर पुलिस अधिकारियों की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए श्री गुप्ता ने मौजूदा स्थिति और कोविड दिशा निर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए उठाए गए कदमों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को कर्फ्यू और कोविड दिशा निर्देशों को लागू करने में तेजी लाने के निर्देश दिए।
पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने डीजीपी को बताया कि जिला पुलिस कोविड संबंधी पाबंदियों को सख्ती के साथ लागू कर रही है और कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के साथ सख़्ती से पेश आ रही है। जिला पुलिस द्वारा कर्फ्यू से जुड़े विभिन्न अपराधों संबंधी 426 एफआईआर दर्ज की गईं और उल्लंघन करने वाले 732 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। कुल 14,806 व्यक्तियों को खुली जेलों में लेजाया गया, जबकि बिना कारण शहर में वाहनों पर घूमने वालों के विरुद्ध 7088 ट्रैफिक चालान जारी किये गए और 1265 वाहन जब्त किये गए।
सीप ने आगे मीटिंग में बताया कि लुधियाना एक औद्योगिक केंद्र है, जिस कारण देशभर से लाखों प्रवासी मजदूर भी यहाँ रह रहे थे, पुलिस ने उनकी देखभाल करने की कड़ी चुनौती को स्वीकार किया और सभी जरूरतमन्द व्यक्तियों को खाना परोसा। इस समय के दौरान 57,85,793 व्यक्तियों को खाना परोसा गया और 39,837 फूड किटों को जरूरतमंदों में बँटा गया।
श्री अग्रवाल ने आगे बताया कि पिछले 5 दिनों में 20,000 प्रवासी श्रमिक स्पैशल ऐक्सप्रैस ट्रेनों के द्वारा अपने मूल जिलों में वापस लौटे। उन्होंने यह भी बताया कि लुधियाना में पहले ही कई फैक्ट्रियों ने काम शुरू कर दिया था और बड़ी संख्या में मजदूर काम में शामिल हो गए थे। इसके अलावा, 57 शेल्टर होम स्थापित किये गए और लगभग 800 प्रवासी वहां रह रहे थे जिनमें प्रशासन द्वारा मुफ्त खाना और रहने की सुविधा दी गई थी।
मीटिंग में बताया गया कि लुधियाना शहर में अमन-कानून के सभ्यक प्रबंधों के लिए 2020 वाॅलंटियर पुलिस की मदद कर रहे थे और लोगों द्वारा उनके द्वारा दिए जा रहे सहयोग की भरपूर सराहना की जा रही है। कोविड-19 के संकटकाल के दौर में आम लोगों की भूमिका भी प्रशंसनीय है क्योंकि 276 गाँव और 1077 मुहल्ले लोगों द्वारा स्वेच्छा से सील किये गए हैं।
पुलिस कमिश्नर ने अधिक जानकारी देते हुए डीजीपी को बताया कि ड्यूटी पर तैनात पुलिस फोर्स को दिन में दो बार पका हुआ भोजन दिया जा रहा है और साथ ही पीने वाले पानी की निरंतर सप्लाई की जा रही है। कर्मचारियों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए विटामिन-बी, विटामिन-सी की गोलियाँ, विटामिन -डी, जिंक की गोलियाँ, गिलोए घनवटी गोलियाँ, होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक एलबम 30 बाँटी गईं। फ्रंट लाईन पुलिस मुलाजिमों की सुरक्षा के लिए लगभग एक लाख मास्क, 90,000 दस्ताने, सैनेटाईजर की 50,000 बोतलें, 1700 फेस शील्ड और गोगल्ज़ और 564 पीपीई किटें भी प्रदान की गई हैं। इसके अलावा पुलिस कमिश्नरेट, लुधियाना के विभिन्न स्थानों पर 478 बिस्तरों की क्षमता वाले 12 कुआरंटीन सैंटर विशेष तौर पर पुलिस कर्मचारियों के लिए स्थापित किये गए हैं। बहुत से पुलिस जवानों ने डीजीपी को बताया कि वह पहले ही एचसीक्यू प्रोफाईलैकटिक के तौर पर ले चुके हैं।
लुधियाना पुलिस द्वारा किये कार्यों की प्रशंसा करते हुए डीजीपी ने कोविड-19 के मद्देनजर लाॅकडाउन / कर्फ्यू पाबंदियों का सख्ती से पालन को यकीनी बनाने संबंधी यत्न को और तेज करने की जरूरत पर जोर दिया। डीजीपी ने लुधियाना के विभिन्न चैराहों पर तैनात पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत की। दो पहिया वाहनों के पीछे बैठने वालों पर पाबंदी की कुछ उल्लंघनाओं को देखते हुए गुप्ता ने पुलिस मुलाजिमों को सामाजिक दूरी को यकीनी बनाने के लिए इस पाबंदी को सख्ती के साथ लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने सीप लुधियाना को लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए इलेक्ट्राॅनिक के साथ-साथ सोशल मीडिया पर विशेष मुहिमें चलाने के लिए भी कहा।
डीजीपी ने भारत नगर चैक में तैनात वाॅलंटियरों के साथ बातचीत भी की और पिछले दो महीनों से बिना किसी वेतन के पूरी इमानदारी और समर्पण के साथ काम करने के लिए उनकी तारीफ की। एसीपी (ट्रैफिक) गुरदेव सिंह, जोकि लुधियाना में समूचे वाॅलंटियर यत्नों को जुटाने पर तालमेल कर रहे हैं, ने डीजीपी को बताया कि 9000 से अधिक वाॅलंटियरों को लुधियाना पुलिस में तैनात किया गया है और वे समाज की सेवा में एक शानदार काम कर रहे हैं।
डीजीपी ने एक डाॅक्टर वाली मोबाइल मैडीकल वैन का मुआइना भी किया, जिसमें शहर के अलग-अलग स्थानों पर तैनात पुलिस मुलाजिमों की मैडीकल जांच करवाने के लिए विस्तार में बताया गया है। उसने ड्यूटी वाले डाक्टर और पुलिस अधिकारियों को पल्स आॅक्सीमीटर का प्रयोग करने के लिए भी प्रेरित किया, जोकि पुलिस कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए किसी भी फ्लू जैसे लक्षणों की जांच करने के लिए मददगार है।
पुलिस फोर्स के मनोबल को बढ़ाने के लिए और फ्रंटलाईन पुरूषों एवं महिलाओं द्वारा किये कार्यों को पहचान प्रदान करने के लिए गुप्ता ने 11 जवानों समेत आईपीएस अधिकारी एडीसीपी (हैडक्वार्टर) दीपक पारिक को समाज की बेमिसाल सेवा करने के लिए सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया, जोकि पुलिस कमिश्नरेट, लुधियाना में कोविड-19 संबंधी नोडल अधिकारी के तौर पर तैनात हैं। एसएचओ (फोकल पुआइंट) इंस्पेक्टर मुहम्मद जमील, कांस्टेबल संजीव कुमार और अजैब सिंह को भी कोरोनावायरस के विरुद्ध लड़ाई में शानदार सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
——