सेंट्रल विश्वविद्यालय में “ब्रोडकास्टिंग: तब और अब” विषयक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन
बठिंडा, 15 सितंबर (अशोक वर्मा)
वीसी प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में जनसंचार और मीडिया अध्ययन विभाग (एमसीएमएस) द्वारा “ब्रोडकास्टिंग: तब और अब” विषय पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कैलगरी विश्वविद्यालय, कनाडा के सेनेटर और रेड एफएम, कनाडा के समाचार निदेशक श्री ऋषि नागर इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में डीन छात्र कल्याण और एमसीएमएस विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार गर्ग ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि श्री ऋषि नागर एक पेशे से शिक्षक और पत्रकार हैं और वर्तमान में कैलगरी में एक दक्षिण एशियाई रेडियो स्टेशन रेड एफएम 106.7 में समाचार निदेशक हैं।
श्री ऋषि नागर ने अपने संबोधन में कहा कि ब्रोडकास्टिंग को समाज के कल्याण के लिए सूचना प्रसारित करने का मुख्य माध्यम माना गया है। यह माध्यम समय के साथ विकसित हुआ है और फ़्रीक्वेंसी मॉड्यूलेशन (एफएम्) तकनीक के आने के बाद इस माध्यम में स्थानीय दर्शकों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने हेतु स्थानीय समाचारों को भी उचित महत्व दिया गया।
उन्होंने रेखांकित किया कि एम्प्लिट्यूड मॉड्यूलेशन (एएम) युग के दौरान, प्रसिद्ध रेडियो उद्घोषक अमीन सयानी और अन्य के पास उत्कृष्ट संचार कौशल, मूल विचारों को उत्पन्न करने की क्षमता, एक स्पष्ट आवाज, रुचियों की एक विस्तृत श्रृंखला, साक्षात्कार कौशल और अपनी क्षमता में विश्वास था। लोग उनकी अनूठी शैली और उनके कार्यक्रम में शोध-आधारित सार्थक जानकारी के कारण उन्हें सुनना पसंद करते हैं। लेकिन वर्तमान में आधुनिक प्रसारण उद्योग के समाचार चेनल सनसनीखेज ख़बरें पर रुझान और कार्यक्रम की तैयारी में शोध की कमी के कारण ख़बरों की गुणवत्ता में गिरावट जैसी चुनौती का सामना कर रहें है।
उन्होंने कहा कि नई मीडिया प्रौद्योगिकी के विकास के युग में भी ब्रोडकास्टिंग हमेशा एक दिलचस्प पेशा बना रहेगा। उन्होंने रेडियो एनाउंसर के रूप में काम करने के अपने अनुभवों को साझा किया और नवोदित पत्रकारों को इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए किताबें पढ़ने की आदत विकसित करने, कहानी प्रस्तुति की कला को निखारने और अपने दर्शकों की आवश्यकताओं को समझने के लिए प्रेरित किया।