रजिस्ट्री बैन करने के फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार

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जहां लोग बसे उन घरों पर जारी आदेश वापस ले सरकार

दोषी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हो आपराधिक केस

दागी बिल्डरों को बचाने व जनता को परेशान करने को जारी की सूची

कार्रवाई नहीं हुई तो जल्द होगा संघर्ष का ऐलान


राजेश गर्ग , जीरकपुर, 3 अगस्त 2021
      पंजाब सरकार द्वारा जीरकपुर की 23 कालोनियों में रजिस्ट्रियां बैन किए जाने के फैसले पर पुनर्विचार करने और दागी बिल्डरों तथा गलत रजिस्ट्रियां करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आज यहां जैक रेजिडेंट वैलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुखदेव चौधरी की अध्यक्षता में बैठक हुई।

राज्य सरकार ने गत दिवस जीरकपुर की 23 आवासीय कालोनियों में रजिस्ट्री बैन करने के आदेश जारी किए गए हैं। सरकार के यह आदेश स्थानीय प्रशासन के पास पहुंच चुके हैं। तहसीलदार ने इस संबंध में नगर परिषद के अधिकारियों से रिकार्ड मांग लिया है।
इस मुद्दे को लेकर जैक रैजीडेंट वैलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुखदेव चौधरी की अध्यक्षता में शुभ होम्स में एक बैठक हुई। जिसमें यहां की उन सभी सोसायटियों के लोगों ने भाग लिया, जिनकी कालोनियों में रजिस्ट्रियां रोकने के आदेश जारी किए गए हैं।
बैठक में विक्रमजीत लोहगढ़, फ्रैंडस एनक्लेव के रमन खोसला, श्री श्याम रैजीडेंसी से रवि शर्मा, इंपीरियल गार्डन के राहुल, हाईवे होम्स के गुरदीप सिंह, शुभ होम्स के जगजीत सिंह, विनोद पराशर, अमित चौहान समेत कई प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा के बाद पंजाब सरकार से मांग की गई कि पंजाब सरकार ने बिना सोचे-समझे आदेश जारी किए हैं। यहां जो बिल्डर अवैध निर्माण को बढ़ावा देकर नगर परिषद के अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध कालोनियां बसा रहे हैं उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जाए।
सुखदेव चौधरी ने कहा कि यह आदेश दागी बिल्डरों को बचाने और आम जनता को उलझाने के लिए जारी किया गया है। क्योंकि जिन कालोनियों में रजिस्ट्री बैन की गई है वहां के बिल्डर प्रोजेक्ट पूरा करके जा चुके है और लोग रह रहे हैं।
ऐसे में इन कालोनियों में रजिस्ट्री रोकने से पहले उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जिन्होंने नक्शे पास किये और रजिस्ट्री की है। चौधरी ने कहा कि सरकार रजिस्ट्री रोकने के पीछे के कारणों को सार्वजनिक करे। जो लोग इस समय अवैध कालोनियां बसा रहे हैं उन्हें छेड़ा तक नही गया है।
आज की बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने पंजाब सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और दागी अधिकारियों तथा बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि जिन कालोनियों में लोग कई वर्षों से रह रहे हैं अगर वहां रजिस्ट्रियों पर लगाई रोक को वापस नहीं लिया गया तो बहुत जल्द बैठक करके संघर्ष का ऐलान किया जाएगा।

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