ग्रामीण कायाकल्प रणनीति के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग मनरेगा कामगारों से तैयार करवाएगा बुनियादी ढांचा- विजय इंदर सिंगला

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शिक्षा मंत्री ने कहा, कोविड की मुश्किल स्थिति में यह पहलकदमी ग्रामीण लोगों की मुश्किलें दूर करके उनका जीवन सुरक्षित करेगी


ए एस अर्शी  चंडीगढ़ 12 जुलाई 2020 

              पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने आज कहा कि पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग युद्ध स्तर पर एलिमेंट्री स्कूलों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मनरेगा कामगारों से काम लेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल ग्रामीण इलाकों के लोगों की मुश्किलें घटाने के साथ-साथ कोविड-19 की मुश्किल घड़ी में उनके जीवन को सुरक्षित रखने की दिशा में होगी।

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              श्री सिंगला ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग के दौरान यह फैसला लिया गया था कि राज्य सरकार कोरोना के बाद के माहौल में गाँव, ब्लॉक और जिला पंचायतों की सक्रिय सम्मिलन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति आगे बढ़ाने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 2020-2022 के लिए अपनी ग्रामीण कायाकल्प रणनीति के अंतर्गत विभिन्न प्रमुख प्रोग्रामों के फंडों को एकत्रित करेगी। इसलिए ग्रामीण लोगों, खासकर मनरेगा कामगारों को नौकरी के मौके प्रदान करने की मंशा से स्कूल विभाग ने ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के सहयोग से मनरेगा के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के एलिमेंट्री स्कूलों के संपत्ति जुटाने की पहल की है।

              उन्होंने कहा कि इस मुहिम के अंतर्गत चार दीवारी का निर्माण / मरम्मत और रख-रखाव, पार्कों, खेल मैदानों, मल्टी-यूनिट पखानों, रसोई शैडों, आंगनवाड़ी केन्द्रों और पानी के रिसाव के लिए गड्ढों के निर्माण और पौधे लगाने के काम और वन मित्रों की तैनाती जैसे अनुमत कार्य करवाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को स्वतंत्र कार्यान्वयन एजेंसी के तौर पर अधिकृत किया गया है। कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा, ‘‘यह मुहिम स्कूलों के बुनियादी ढांचे में परिवर्तनकारी बदलाव लायेगी। सभी डिप्टी कमीश्नरों-कम-डी.पी.सी. मनरेगा को इस प्रोग्राम को सफल बनाने हेतु निजी दखल देने और नियमित / पखवाड़ा समीक्षा मीटिंगें करके निगरानी रखने के लिए कहा गया है जिससे इस प्रोजैक्ट का प्रभावी लागूकरण यकीनी बनाया जा सके।’’ उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग क्षेत्रीय प्रोग्राम के लिए हर जिले में एक तकनीकी सहायक तैनात करेगा, जो स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर रखेगा। इसके अलावा ग्रामीण विकास विभाग इस मुहिम की प्रगति की रोजाना निगरानी करेगा और मनरेगा के स्टाफ और राज्य और जिला स्तर के कॉर्डीनेटर को अपेक्षित सहायता मुहैया करवाई जायेगी।

              प्रोजैक्ट के लिए सामान की अदायगी के बारे में जानकारी देते हुए श्री सिंगला ने कहा कि काम कोड का पहला हाजिरी रजिस्टर तैयार करते समय कुल रकम की 25 प्रतिशत राशि पहली किश्त के तौर पर, 50 प्रतिशत राशि काम मुकम्मल होने और मनरेगा मुख्यालय को काम से सम्बन्धित तस्वीरें जमा करवाने पर जबकि काम पूरा होने पर आखिरी और तीसरी किश्त अदा की जाऐगी।

                शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि स्कूल प्रबंधक समिति को बुनियादी ढांचे के लिए कामों के प्रस्ताव, संकल्प और ग्राम सभा की मंजूरी के लिए पाबंद किया गया है, जबकि ए.सी. (स्मार्ट स्कूल) को काम की जीओ -टैगिंग का कार्य सौंपा गया है, जिसके बाद कार्ड धारकों की माँग को बता दिया जायेगा और उनको काम अलॉट कर दिया जायेगा, जबकि सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नर इस प्रोजैक्ट को प्रशासनिक मंजूरी देने के पाबंद होंगे।

                  श्री सिंगला ने जोर देकर कहा कि नरेगा अधीन मिलने वाले फंडों से होने वाले काम मशीनों की बजाय दस्ती किये जाएंगे। प्रोजैक्ट के लागूकरण के किसी भी पड़ाव पर कोई ठेकेदार शामिल न किया जाये। उन्होंने कहा कि नरेगा के काम के लिए रजिस्टर्ड जॉब कार्ड धारकों को ही लगाया जायेगा।

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