देश में बढ़ रहे नशे को खत्म करना हमारे जीवन का मुख्य मकसद:- संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां

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अनुभव दुबे , बरनावा/सिरसा 16 अक्टूबर 2022 

     पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां रविवार को उत्तरप्रदेश के बागपत स्थित डेरा सच्चा सौदा, शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा से ऑनलाइन देश-विदेश की साध-संगत से रूबरू हुए। इस दौरान हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों में स्थित डेरा सच्चा सौदा के आश्रमों व नामचर्चाघरों में बैठी साध-संगत ने पूज्य गुरु जी के लाइव दर्शन किए। इस अवसर पर शाह सतनाम जी धाम सिरसा, कैथल स्थित राम-ए-खुशबू आश्रम, शाह सतनाम जी रूहानी धाम राजगढ़  सलाबतपुरा, शाह सतनाम जी नूरानी धाम पटियाला, दिल्ली के कन्झावला नाचचर्चा घर व सहारनपुर में पूज्य गुरु जी ने लाखों लोगों की बुराईयां व नशा छुड़वाते हुए उन्हें गुरुमंत्र दिया।                                    बरनावा आश्रम से ऑनलाइन साध-संगत से रूबरू होते हुए पूज्य गुरु जी ने पाप छुपाके, पुण्य दिखाके करे बंदा तेरा शैतान… भजन भी बोला। जिस पर व्याख्या करते हुए पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज के वक्त में लोग भगवान को भी खिलौना समझते हैं और करते कुछ हैं व दिखाते कुछ हैं। आज का समय ऐसा है कि अगर कोई इन्सान कोई पुण्य का कार्य करता है तो उसे उसकी पब्लिसिटी चाहिए। लेकिन पाप वह छुपाके करना चाहता है। इन्सान समझता है कि जब वह पाप करता है तो उसे कोई देखता नहीं। लेकिन भगवान कण-कण में विद्यमान है। उससे कोई जगह खाली नहीं है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि आज देश में नशा बहुत बढ़ चुका है। जोकि देश को अंदर-अंदर खोखला कर रहा है। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि देश में नशा बढऩा एक प्रकार से यह देश के खिलाफ अघोषित युद्ध है। जिसके खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा। पूज्य गुरु जी ने फऱमाया कि नशे रुपी दानव व बुराइयों को खत्म करना ही हमारे जीवन का मुख्य मकसद है । पूज्य गुरु जी ने आगे कहा कि हमारे देश की संस्कृति महान है। इस पर हमें गर्व होना चाहिए। हमें विदेशी संस्कृति को न अपनाकर अपने देश की संस्कृति को अपनाना चाहिए। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने व्रत रखने के सही तरीके के बारे में साध-संगत को जानकारी दी।

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