मुख्यमंत्री ने द‍िया पटियालवियों को दशहरे का तोहफ़ा, खेल यूनिवर्सिटी व नए बस अड्डे का रखा नींव पत्थर 

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नहरी पानी पर आधारित पीने वाले पानी के प्रोजैक्ट और हेरिटेज स्ट्रीट के काम की भी शुरुआत

आर्थिक तौर पर कमज़ोर लोगों के लिए आवास योजना के लाभपात्रियों को नए घरों की चाबियाँ सौंपी

चल रहे और नए प्रोजैक्टों को समय पर मुकम्मल करने के लिए ख़ुद निगरानी करूँगा-मुख्यमंत्री


रि‍चा नागपाल   पटियाला, 25 अक्टूबर: 2020 
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने दशहरे के त्यौहार के मौके पर आज पटियाला में खेल को समर्पित पंजाब की पहली खेल यूनिवर्सिटी, महाराजा भुपिन्दर सिंह पंजाब खेल यूनिवर्सिटी और नए बस अड्डे समेत अन्य कई अहम विकास प्रोजैक्टों के भी नींव पत्थर रखे।
यहाँ दो अलग-अलग समागमों के दौरान मुख्यमंत्री ने पटियाला शहर के लिए नहरी पानी पर आधारित 24 घंटे-सातों दिन पीने वाला साफ़ पानी मुहैया करवाने के लिए 503 करोड़ रुपए की लागत वाले जल सप्लाई प्रोजैक्ट, किला मुुबारक के पास 43 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जाने वाला विरासती रास्ता (हेरिटेज स्ट्रीट), राजपुरा रोड पर 65 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाने वाले अत्याधुनिक बस स्टैंड और राजपुरा रोड को चौड़ा करने के 6.74 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट का भी नींव पत्थर रखा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पी.डी.ए. द्वारा यहाँ हाजी माजरा में आर्थिक तौर पर कमज़ोर लोगों के लिए बनाए गए नए 174 फ्लैटों में से 124 फ्लैटों की चाबियाँ और दस्तावेज़ लाभपात्रियों को सौंपे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्थानीय निकाय और पी.डी.ए को ज़ोर देकर कहा कि वह राज्य के आर्थिक तौर पर कमज़ोर लोगों को घर मुहैया करवाएं। उन्होंने कहा कि वह चल रहे प्रोजैक्टों और नए प्रोजैक्टों की ख़ुद निगरानी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने पटियाला निवासियों को दशहरे के त्योहार की बधाई देते हुए कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजऱ पुरी सावधानियां बरती जाएँ, क्योंकि नवंबर और दिसंबर महीने में कोविड की दूसरी लहर आने का अंदेशा है।
महाराजा भुपिन्दर सिंह पंजाब खेल यूनिवर्सिटी, 500 करोड़ रुपए की लागत से विकसित की जाएगी, जिसमें से 60 करोड़ रुपए इसके पहले पड़ाव को विकसित करने पर खर्च किए जाएंगे, जिससे अकादमिक और प्रशासनिक ब्लॉक, लडक़े और लड़कियों के लिए होस्टल और आंतरिक सडक़ों समेत चारदीवारी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अपने दादा महाराजा भुपिन्दर सिंह, जिनके नाम पर इस यूनिवर्सिटी को स्थापित किया गया है, के आज दशहरे वाले दिन 129वें जन्म दिवस के मौके पर उनकी तरफ से खेल के प्रति दिए गए योगदान को साझा किया।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी खिलाडिय़ों का वैज्ञानिक विकास करने में अहम योगदान देगी। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि पंजाब खेल का केंद्र बने और हमारे खिलाड़ी और प्रशिक्षक वैज्ञानिक सोच के साथ लैस हों। मुख्यमंत्री ने इस यूनिवर्सिटी के लिए 100 एकड़ के करीब ज़मीन मुफ़्त प्रदान करने वाले गाँव सिद्धूवाल के सरपंच तरसेम सिंह, समूची ग्राम पंचायत और गाँव वासियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस गाँव ने पहले राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के लिए मुफ़्त ज़मीन प्रदान की। उन्होंने गाँव सिद्धूवाल को मॉडल गाँव के तौर पर विकसित करने के लिए 50 लाख रुपए के अनुदान का एलान किया।
इस खेल यूनिवर्सिटी में बहुत से विद्यार्थियों द्वारा दाखि़ला लिए जाने पर ख़ुशी का इज़हार करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनको उम्मीद है कि यहाँ का अमला और विद्यार्थी 2022 तक इसके नए कैंपस में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि वह यहाँ प्रदान किए जाने वाले बहुत से कोर्स अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे, जो कि यू.के. की विश्व की बेहतर यूनिवर्सिटी, लाफ बोरो यूनिवर्सिटी की तजऱ् पर विकसित किए गए हैं। इस दौरान इस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. रॉबर्ट एलिसन द्वारा दिया गया संदेश भी सुनाया गया। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि उनकी सरकार इस यूनिवर्सिटी को जल्द ही मुकम्मल करने के लिए और भी फंड मुहैया करवाएगी।
इस मौके पर संबोधन करते हुए लोकसभा सदस्य श्रीमती परनीत कौर ने कहा कि यह खेल यूनिवर्सिटी स्थापित करना समय की मुख्य ज़रूरत थी। परनीत कौर ने पटियाला निवासियों को इस यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह यूनिवर्सिटी पंजाब के नौजवानों को नशों से दूर रखने में तो सहायक होगी ही बल्कि राज्य में खेल सभ्याचार भी विकसित करेगी।
समागम को संबोधन करते हुए स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री श्री ब्रह्म मोहिन्द्रा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा केंद्र के किसान विरोधी बिलों के विरुद्ध पास किए गए नए कानूनों समेत पंजाब और पंजाबियत के लिए निभाई गई अहम भूमिका की भरपूर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि चाहे कैप्टन अमरिन्दर सिंह ख़ुद अपने दादा जी के नाम पर इस यूनिवर्सिटी का नाम रखने के हक में नहीं थे परंतु उनके मंत्री मंडल के साथियों ने यह फ़ैसला लिया।
खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने खेल शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी तबदीली लाई है, परंतु अब यह यूनिवर्सिटी खिलाडिय़ों का भविष्य संवार देगी। उन्होंने कहा कि सरकार गाँव सिद्धूवाल के नौजवानों को नौकरियाँ और यहाँ के बच्चों को इस यूनिवर्सिटी में शिक्षा देने के लिए विशेष ध्यान देगी। श्री सोढी ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी पटियाला को खेल के क्षेत्र में दुनिया के नक्शे पर उभारेगी। उन्होंने सुझाव दिया कि गाँव सिद्धूवाल में दो यूनिवर्सिटियाँ स्थापित होने से इस गाँव को मॉडल ग्राम पंचायत के तौर पर विकसित किया जाए। खेल मंत्री ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा राज्य में खेल और खेल शिक्षा को प्रफुल्लित करने के लिए उनको विशेष तौर पर सम्मानित किया।
यूनिवर्सिटी के उप कुलपति लैफ्टिनैंट जनरल चीमा ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह के परिवार ख़ास तौर पर उनके दादा जी महाराजा भुपिन्दर सिंह के खेल के प्रति योगदान की सराहना की। उन्होंने खुलासा किया कि 142 विद्यार्थियों की कुल सामथ्र्य से 120 विद्यार्थी साल 2021-22 के अकादमिक सैशन में दाखि़ला ले चुके हैं। उन्होंने स्पोर्टस यूनिवर्सिटी को विकसित करने के लिए आला दर्जे के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं संबंधी भी विस्तार में बताया।
खेल मंत्री ने यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए योगदान देने वाली शख्सियतों का सम्मान किया, जिनमें श्रीमती परनीत कौर, कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा, साधु सिंह धर्मसोत, रजि़या सुल्ताना और विजय इंदर सिंगला, जय इन्दर कौर, राजा रणधीर सिंह, राजा मालविन्दर सिंह, चेयरमैन लाल सिंह, वरिष्ठ सलाहकार/मुख्यमंत्री टी.एस. शेरगिल, विधायक हरदयाल सिंह कम्बोज, निर्मल सिंह, राजिन्दर सिंह समाना और सरपंच तरसेम सिंह, पूर्व चेयरमैन पंचायत कमेटी सुखपाल सिंह (सिद्धूवाल पंचायत) शामिल हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि 10-15 सालों के शहर के विकास के मद्देनजऱ नये हाई-टैक बस स्टैंड के साथ पटियाला के निवासियों की काफी देर की माँग पूरी होगी। उन्होंने कहा कि यह बस स्टैंड 15 महीनों में मुकम्मल होगा और यह आधुनिक और मुसाफिऱ समर्थकीय बस स्टैंड के साथ मौजूदा बस स्टैंड का विस्तार होगा और दोनों स्थानों के दरमियान आपसी संपर्क बनाने के साथ-साथ शहर के अन्य हिस्सों के साथ जोडऩे के लिए अपेक्षित योजना बनाई जा रही है। इसी तरह राजपुरा रोड जहाँ बस स्टैंड बनाया जा रहा है, को भी अगले साल तक चौड़ा किया जाएगा।
बाद में अपनी सरकार के शहरी वातावरण सुधार प्रोग्राम के दूसरे पड़ाव के हिस्से के तौर पर जल सप्लाई प्रोजैक्ट का आग़ाज़ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही पटियाला निवासियों को पीने वाला पानी 24 घंटे मुहैया करवाने में सहायता मिलेगी, जिसकी आबादी 5 लाख हो गई है और साल 2050 तक 9 लाख होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मौजूदा पटियाला नैवीगेशन चैनल के द्वारा भाखड़ा नहर से पानी लिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस सम्बन्धी वॉटर वर्कस अबलोवाल में बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रोजैक्ट तीन सालों में पूरा होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि प्रोजैक्ट को चलाने और रख-रखाव के लिए एल. ऐंड टी. कंपनी को 10 सालों का ठेका दिया गया है।
पटियाला की अमीर विरासत और विरासती पर्यटन को प्रफुल्लित करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किला मुबारक के आस-पास को विरासती रास्ते (हेरिटेज स्ट्रीट) के तौर पर विकसित किया जाएगा और इस इलाके और दुकानों आदि के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ रूप को भी सँवारा जाएगा। विरासती रास्ते का कार्य दिसंबर, 2021 तक मुकम्मल होने की आशा है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राजिन्दर टैक (फुहारे और लाईटों समेत) की मुरम्मत का कार्य कोविड के कारण देरी से होने के बावजूद जल्द ही मुकम्मल करके दिसंबर में लोगों को समर्पित किया जाएगा। एक अन्य प्रोजैक्ट के अंतर्गत महिंदर कोठी (पुरानी इमारत) को म्यूजिय़म के तौर पर विकसित किया जाएगा, जहाँ प्रसिद्ध मैडल गैलरी क्लैकशन को शिफ्ट किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने एलान किया कि 200 करोड़ की लागत के साथ पटियाला और छोटी नदी की कायाकल्प करने समेत अन्य विभिन्न प्रोजैक्टों को जल्द शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने राज्य द्वारा पास किए गए कानून को अमल में लाने के लिए पटियाला प्रशासन और निगम को झुग्गी-झोंपड़ी वालों को मालिकाना हक देने का कार्य जल्द शुरू करने के लिए कहा।
    नगर निगम के मेयर संजीव शर्मा बिट्टू ने मुख्यमंत्री द्वारा पटियाला को दिए गए प्रोजैक्टों के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह का विशेष धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय पटियाला के साथ सौतेली माँ वाला व्यवहार किया गया, परंतु कैप्टन सरकार और एम.पी. श्रीमती परनीत कौर ने पटियाला के लिए खज़ाने का मुँह खोल दिया है।
इस मौके पर जय इन्दर कौर, राजा रणधीर सिंह, एम.एल.ए. हरदयाल सिंह कम्बोज, मदन लाल जलालपुर, निर्मल सिंह, राजिन्दर सिंह, पी.आर.टी.सी. के चेयरमैन के.के. शर्मा, नगर निगम के मेयर संजीव शर्मा बिट्टू, हरिन्दरपाल सिंह हैरीमान, पंजाब समाज कल्याण बोर्ड के चेयरपर्सन गुरशरन कौर रंधावा, गऊ सेवा आयोग के चेयरमैन सचिन शर्मा, पंजाब सफ़ाई आयोग के चेयरमैन गेजा राम वाल्मीकि, पंजाब जल सप्लाई एवं सिवरेज बोर्ड के चेयरमैन परगट सिंह धुन्ना, वाइस चेयरमैन वेद कपूर और राज कमल लक्की, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, खेल और प्रमुख सचिव जल सप्लाई एवं सिवरेज अजोए सिन्हा और सीईओ अजोए शर्मा, ओएसडी मेजर अमरदीप सिंह, अमृतप्रताप सिंह हनी सेखों, डिप्टी सचिव राजेश कुमार, एम.पी. के निजी सचिव बलविन्दर सिंह, वाइस चांसलर प्रो. पी.एस. जैसवाल, डॉ. बी.एस. घुमन्न और प्रो. करमजीत सिंह, चेयरमैन संत बांगा और संतोख सिंह, सीनियर डिप्टी मेयर योगिन्दर सिंह योगी, डिप्टी मेयर विनती संगर, शहरी कांग्रेस प्रधान के.के. मल्होत्रा, ग्रामीण कांग्रेस प्रधान गुरदीप सिंह ऊंटसर, महिला कांग्रेस प्रधान किरण ढिल्लों, यूथ कांग्रेस प्रधान संजीव शर्मा और अनुज खोसला, डिविजऩल कमिश्नर चंद्र गैंद, आईजी जतिन्दर सिंह औलख, डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित, एस.एस.पी. विक्रम जीत दुग्गल, एम.सी. कमिश्नर पूनमदीप कौर, पी.डी.ए. की प्रशासक सुरभी मलिक, रजिस्ट्रार कर्नल नवजीत सिंह संधू, कैप्टन अमरजीत सिंह जेजी, एन.आर.आई. मनजीत सिंह निझ्झर समेत प्रसिद्ध खिलाड़ी, नगर निगम के समूचे काऊंसलर, सीनियर नेता और वर्करों समेत अन्य शख्सियतें मौजूद थीं।
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