7 लाख रुपये खाते में जमा करवाने वाले को ही बनाया आरोपी
D.A. लीगल की राय एवं एसएसपी के आदेश को किया नजरअंदाज
अंचल चौहान व देवेंद्र गुप्ता के खिलाफ 7 लाख रुपये लेने के वाबजूद भी नहीं किया कोई केस दर्ज
हरिंदर निक्का बरनाला 19 जून 2020
ट्राइडेंट ग्रुप से कुछ व्यक्तियों की तरफ से 7 लाख रुपये की फिरौती मांगने का घिनौना सच F. I.R. नंबर- 61 व पुलिस की जांच रिपोर्ट का पोस्टमार्टम करने के बाद सामने आ गया है । 15 जून, 2020 को जिले के रुड़ेेेेके कलां पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर नंबर 61 सीआईए स्टाफ बरनाला के इंचार्ज की जांच बाद दर्ज की गई है । ट्राइडेंट ग्रुप के अधिकारी प्रवीण वर्मा की शिकायत पर दर्ज केस में गुजरात के रहने वाले M/s Pansons Electro Mech Enngineering के एमडी बाबू कृष्णन और एमजे.एस एंटरप्राइजेज के जय वीर सिंह को अरोपी नामजद किया गया है। आरोपियों पर आरोप है कि इन्होंने केस दर्ज करवाने का भय दिखा कर 7 लाख रुपये की फिरौती की मांग की है ।
आखिर क्या है शिकायत का सच
प्रवीण वर्मा, अधिकृत हस्ताक्षर अधिकारी, ट्राइडेंट ग्रुप इंडस्ट्रीज, धौला ने 20 मई, 2020 को शिकायत की कि ट्राइडेंट ग्रुप द्वारा स्टीम टर्बाइन मशीन की बिक्री के लिए एक समाचार पत्र में विज्ञापन दिया गया था। जिसके आधार पर जामनगर, गुजरात के निवासी जयवीर सिंह, ट्राइडेंट लिमिटेड, धौला पहुंचे और मशीन को देखा। बाबू कृष्णन ने कंपनी को पत्र भेज कर कहा कि उन्होंने 75 लाख रुपये में टर्बाइन मशीन खरीदने का प्रस्ताव रखा। लेकिन ट्राइडेंट ग्रुप ने इस का कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद बाबू कृष्णन ने ट्राइडेंट कंपनी को ईमेल से सूचित किया कि उन्होंने मशीन के बारे में अंचल चौहान और देवेंद्र कुमार गुप्ता के खातों में 7 लाख रुपये जमा करवा दिये हैं। उन्होंने ट्राइडेंट को बिक्री पत्र की एक प्रति भी भेजी। मगर कोई बिक्री या खरीद नहीं की गई और आरोपियों द्वारा भेजा पत्र ट्राइडेंट कंपनी से संबंधित नहीं है और न ही ट्राइडेंट कंपनी ने 7 लाख रुपये की राशि जमा करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि 7 लाख रुपये अंचल चौहान और देवेंद्र गुप्ता के खातों में स्थानांतरित करने का दावा किया गया है। ये दोनों कंपनी के प्रतिनिधि ही नहीं हैं। आरोपियों ने कंपनी के जाली दस्तावेज़ बना कर 7 लाख रुपये की फिरौती मांगने के लिए मामला दर्ज करवाने की धमकी दी थी।
शिकायत में, क्या मांग की गई थी ,,,,
शिकायत में कहा गया है कि आरोपी बाबू कृष्णन, जयवीर सिंह, अंचल चौहान और देवेंद्र गुप्ता के खिलाफ आईपीसी 120 बी, 420, 467, 468, 471, 389, 511, 506 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। एएसपी संदीप गोयल ने ट्राइडेंट की शिकायत की जांच सीआईए प्रभारी बलजीत सिंह को सौंपी थी। अपनी जांच रिपोर्ट में, उन्होंने कहा कि जांच के दौरान आरोपी पक्ष उपस्थित नहीं हुआ। जवाब में ईमेल ही भेजे गए। यह भी ध्यान देने योग्य है कि लॉकडाउन के दौरान पूरी जांच पूरी हो गई । सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले, सीआईए प्रभारी ने डीए लीगल से कानूनी राय लेने के लिए भी लिखा।
डिप्टी डीए अनंत गोयल की राय
डिप्टी डी ए असीम गोयल ने कानूनी राय में कहा कि सभी तथ्यों को पढ़ने के बाद, यह पता चला है कि आरोपी पक्ष के बाबू कृष्णन ने जयवीर सिंह के साथ मिल कर 30 अगस्त और 4 सितंबर, 2019 को देवेंद्र गुप्ता और अंचल चौहान के बैंक खातों में 7 लाख रुपये ट्रांसफर किए । आरोपियों ने 9 सितंबर, 2019 को ट्राइडेंट का एक फर्जी लेटर पैड बनाया था और ट्राइडेंट से 7 लाख रुपये की मांग की थी। हालांकि, मशीन की बिक्री और खरीद के बारे में ट्राइडेंट के साथ आरोपी पक्ष ने कोई समझौता ही नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पहली नज़र में, उनकी राय में, आरोपियों के खिलाफ फिरौती मांगने का मामला नहीं था , बल्कि आईपीसी 420,467,468,471,120 B का मामला बनता है । कानूनी राय के आधार पर, एसएसपी ने एसएचओ को मामला दर्ज करने तथा जांच करने का आदेश दे दिया ।
7 लाख लेने वालों के खिलाफ नहीं, देने वाले के खिलाफ मामला दर्ज
एसएचओ रुड़ेेेके कलां ने डीए लीगल की राय और एसएसपी के आदेश की अवहेलना करते हुए बाबू कृष्णन के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिन्होंने खुद अंचल चौहान और देवेंद्र गुप्ता के खातों में 7 लाख रुपये जमा किए थे और ट्राइडेंट के साथ डील करने वाले जयवीर सिंह के खिलाफ भी केस दर्ज कर दिया । हैरत की बात ये देखिए कि जाली सेेल पत्र लिख कर बाबू कृष्णन से 7 लाख रुपये लेने वाले अंचल चौहान और देवेंद्र गुप्ता को मामले में दोषी ही नहीं बनाया गया। पुलिस की कार्रवाई में बडा सवाल यह भी है कि मामले के दो मुख्य दोषियों को नामजद क्यों नहीं किया गया।
बाबू कृष्णन बोले, मेरे 7 लाख भी गए और अपराधी भी मुझे बना डाला
जय पेंशन ऑफ इलेक्ट्रो मैक इंजीनियरिंग जामनगर के एमडी बाबू कृष्णन ने बरनाला टूडे से बात करते हुए कहा कि ट्राइडेंट से मशीन खरीदने के लिए उनके साथ सौदा जय वीर सिंह ने किया था। उसने ही सेल का पत्र भेजा। जयवीर सिंह की बेटी अंचल चौहान और देवेंद्र गुप्ता के खातों में 7 लाख रुपये भी मैं डाले । उन्होंने कहा, “मैं यह सोच कर हैरान हूं कि मेरा 7 लाख रुपये का नुकसान भी हुआ। जांच में पुलिस ने मुझे ही दोषी बनाया। मुझे मेरे पैसे मांगने पर ही मुझ पर फिरौती मांगने का आरोप जड दिया। उन्होंने कहा, “मैं गुजराती हूं और यह सब चुुुुुुपचाप सहन नहींं करुंगा । मैं इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के संज्ञान में भी लाऊंगा।”