पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय गणित दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन
अशोक वर्मा,बठिंडा, 22 दिसंबर: 2021
महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की 134वीं जयंती को चिन्हित करने हेतु पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा में गणित और सांख्यिकी विभाग द्वारा कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें आईआईटी रोपड़ के गणित विभाग से डॉ. तपस चटर्जी मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित हुए। उन्होंने “श्रीनिवास रामानुजन के जीवन और गणितीय विरासत” विषय पर एक व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम में छात्रों के लिए पोस्टर प्रस्तुति प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता और रंगोली प्रतियोगिता जैसी कई गतिविधियां आयोजित की गई।
कार्यक्रम के आरंभ में गणित और सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गौरी शंकर ने प्रतिभागियों व् विशिष्ट अतिथियों का अभिनंदन करते हुए हमारे दैनिक जीवन में गणित की भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने गणित की विभिन्न शाखाओं को व्यापक और स्पष्ट आकार देने में प्राचीन काल के महान भारतीय गणितज्ञों विशेष रूप से आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, भास्कर, महावीर, भास्कर द्वितीय, माधव और अन्य के साथ-साथ 19वीं और 20वीं शताब्दी के भारतीय गणितज्ञों जैसे श्रीनिवास रामानुजन, पी.सी. महालनोबिस, सी.आर. राव, आदि की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डीन प्रभारी अकादमिक प्रो. आर.के. वुसिरिका ने छात्रों और शोधार्थियों को श्रीनिवास रामानुजन के जीवन से प्रेरणा लेते हुए अपने विषय में नवीन ज्ञान का सृजन करने के लिए प्रेरित किया।
आभासी पटल के माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ. तपस चटर्जी ने “श्रीनिवास रामानुजन के जीवन और गणितीय विरासत” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि रामानुजन को गणित में कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला, फिर भी इन्होंने अनंत श्रृंखला, संख्या सिद्धांत, गणितीय विश्लेषण आदि गणित के क्षेत्रों में गहन योगदान दिए। उन्होंने महान गणितज्ञ के आरंभिक जीवन संघर्ष के बारे में बात करते हुए बताया कि रामानुजन की गणित में गहरी रुचि ने उन्हें इस विषय में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद की। उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय के प्रो. हार्डी को लिखे रामानुजन के पत्रों का डिजीटल संस्करण प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रो. हार्डी ने रामानुजन का गणितीय शोध कार्य देखा तो वह आश्चर्यचकित रह गए और उन्हें इंग्लैंड बुला लिया। डॉ. तपस चटर्जी ने कहा कि श्रीनिवास रामानुजन का जीवन एवं कार्य मात्र भारत के ही नहीं, विश्व के गणितज्ञों, शिक्षकों एवं छात्रों के लिए प्रेरणादायी है।
इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने विभिन्न गतिविधियों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। भाषण प्रतियोगिता में हरमनदीप कौर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में सौरव कुमावत और शिवांक पाल की टीम को प्रथम पुरस्कार मिला। रंगोली प्रतियोगिता में पायल और नीतू की टीम ने प्रथम पुरस्कार हासिल किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. हरमनप्रीत सिंह कपूर ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया।