सुप्रीम कोर्ट के वकील मुंजाल ने कहा अदालत में हर बात का पुलिस को देना होगा जवाब
एनडीपीएस एकट के दायरे में नहीं आती मैनूफैक्चर्रिग कंपनी
हरिंदर निक्का बरनाला 22 सितंबर 2020
कोलवीडोल बादशाह का नाम देकर ड्रग तस्करी के केस में 27 अगस्त को प्रज्ञा जैन एएसपी महल कलां के नेतृत्व में बरनाला के सी.आई.ए पुलिस की तरफ से दिल्ली से गिरफ्तार पिता-पुत्र की जोडी ने अब पंजाब पुलिस की मुश्किलें बढा दी है। न्यूटेक हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड नरेला दिल्ली के निदेशक गौरव अरोड़ा व उनके पिता कृष्ण अरोड़ा के मुकदमे की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील साहिल मुंजाल ने कहा “कानून से ऊपर कोई नहीं है। पुलिस व अदालतों सहित देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कानून का पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बरनाला पुलिस ने गैरकानूनी ढंग से एनडीपीएस एकट के तहत दर्ज केस में गौरव अरोड़ा व कृष्ण अरोड़ा को गिरफ्तार किया है। जबकि न्यूटेक हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड एक मैनूफैक्चर्रिग कंपनी है जो एन.डी.पी.एस. एकट के दायरे में ही नहीं आती है। उन्होंने 8 सितंबर को बरनाला अदालत में इस तरह के कई दस्तावेज दायर किए थे। जिस में यह स्पष्ट है कि मैनूफैक्चर्रिग कंपनी पर एन.डी.पी.एस. अधिनियम लागू ही नहीं होता है।
पकडी गई सभी दवाएं वास्तव में दर्द निवारक
एडवोकेट साहिल मुंजाल ने कहा कि बरनाला पुलिस ने न्यूटेक हेल्थ केयर कंपनी के कारखाने से जो दवाएं जब्त की थीं। वास्तव में, ये दवाएं केवल दर्द निवारक हैं। जिन पर पंजाब राज्य को छोड़ कर देश के किसी भी राज्य में बिक्री पर प्रतिबंध नहीं है। यदि पंजाब पुलिस ने पंजाब के किसी भी हिस्से में इन दवाओं को जब्त कर लिया होता तो उन्हें पंजाब की आपूर्ति के रूप में अवैध माना जा सकता था। लेकिन पुलिस ने 15 करोड मूल्य की इन दवाओं को दिल्ली से ही बरामद किया है। जहां इन दवाओं की बिक्री पर कोई प्रतिबंध ही नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के सभी एम्स अस्पतालों में भी यही दवाएं इस्तेमाल की जाती है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस के पास इन दवाओं को जब्त करने का कोई कानूनी अधिकार ही नहीं था। इस तरह कानून की रक्षा के लिए बनी पुलिस ने खुद ही कानून की धज्जियां उड़ा दीं, जिसके लिए पुलिस को कटघरे में खड़े होकर जवाब देना होगा।
कंपनी के पास अनलिमटेड दवाएं तैयार करने का लाईसेंस
वकील साहिल मुंजाल ने पुलिस के उस दावे का भी खंडन किया है जिस में कहा गया है कि अरोड़ा पिता-पुत्र की जोड़ी ने तय कोटे से ज्यादा दवाएं तैयार कर देश के 17 राज्यों में इनकी सप्लाई की। मुंजाल ने कहा कि कंपनी के पास अनलिमटेड दवाएं तैयार करने का लाईसेंस है। नियमानुसार वह जितनी जी चाहे दवा तैयार कर सकती है। दवाओं तैयार करने के लिए कंपनी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कंपनी के कारखाने से 15 करोड़ रुपये की दवाएं अवैध रूप से बरामद की । जबकि कंपनी ने गिरफ्तारी से पहले ही संबंधित विभाग के अधिकारियों को इनका ब्यौरा दे कर रिटर्न दाखिल कर रखी थी। इसमें कुछ भी अवैध नहीं है। उन्होंने कहा कि कृष्णा अरोड़ा , जिन्हें पुलिस ने कोलवीडोल बादशाह का नाम दिया है, वास्तव में उन का कंपनी के विजनेस से कुछ भी लेना देना ही नहीं। गौरव अरोड़ा जरुर कंपनी के निदेशक हैं।
कंपनी पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट लागू , कार्रवाई के लिए ड्रग इंस्पेक्टर ही अथॉरिटी
एडवोकेट मुंजाल ने कहा कि न्यूटेक हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अगर वास्तव में नियम और कानूनों के खिलाफ काम कर रही थी, तो उस पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल के ताजा फैसले में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पुलिस के पास दवा निर्माताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करने का अधिकार ही नहीं है, कार्रवाई के लिए केवल ड्रग इंस्पेक्टर ही अथार्टी है। उन्होंने कहा कि 8 सितंबर को, पुलिस ने गौरव अरोड़ा व उसके पिता कृष्ण अरोड़ा से पूछताछ के लिए 14 दिनों का पुलिस रिमांड लेने के लिए माननीय बरनाला अदालत में गूहार लगाई थी। लेकिन अदालत में सभी तथ्य रखने के बाद, अदालत ने उसे केवल दो दिन का पुलिस रिमांड दिया था । हालांकि, 2 दिन के रिमांड में भी पुलिस दोनों नामजद आरोपियों से कुछ भी बरामद नहीं कर पाई।
बरनाला पुलिस ने उड़ाईं जस्टिस बासू के दिशानिर्देशों की धज्जियां
वकील साहिल मुंजाल ने कहा कि देश के हर राज्य की पुलिस को जस्टिस डीके वासू की तरफ से किसी भी आरोपी को गिरफ्तार करने सबंधी कुछ जरुरी दिशानिर्देश जारी कर रखे हैं। जिनका अनुपालन करने के लिए पुलिस बाध्य हैं। लेकिन पंजाब पुलिस ने जसटिस वासू की गाईडलाईनज की अनदेखी की और आरोपियों की गिरफ्तारी के समय उनके किसी करीबी परिवार के सदस्य को सूचित तक नहीं किया। न्यायमूर्ति बासू के निर्देशों के अनुसार, किसी राज्य से किसी अभियुक्त की गिरफ्तारी के बाद, अभियुक्त को वहाँ की निकटतम अदालत में पेश किया जाना चाहिए। लेकिन बरनाला पुलिस ने गिरफ्तार दोनों व्यक्तियों को दिल्ली की अदालत में पेश नहीं किया। इस तरह कई अन्य महत्वपूर्ण निर्देशों का भी उल्लंघन किया गया है।
जस्टिस बासू के निर्देशों का पालन नहीं करना ,,कंटेंपट आफ कोर्ट,,
वकील मुंजाल ने कहा कि न्यायमूर्ति बासू द्वारा जारी किए गए निर्देशों का अनुपालन न करना ,,कंटेंपट आफ कोर्ट,, के दायरे में आता है। वह जल्द ही अपने मुवक्किल की ओर से माननीय सर्वोच्च न्यायालय में ,,कंटेंपट आफ कोर्ट,, दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि वह पंजाब पुलिस को कानूनी लड़ाई के माध्यम से कानून के अनुसार काम करने के लिए मजबूर करेंगे ताकि वे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई भी अवैध कार्रवाई न कर सकें।