भाकियू (एकता-ऊगराहां) की ओर से चुनावों के मुकाबले संघर्षों का रास्ता उभारते के लिए जोरदार जागृति/चेतना मुहिम चलाने का फैसला।
Pardeep kasba, बरनाला, 13 जनवरी 2022
आज यहां जोगिंदर सिंह ऊगराहां के नेत्रतव में हुई भारतीय किसान यूनियन( एकता-ऊगराहां ) की राज्य कमेटी की मीटिंग में चुनावों के एस दौर में काले कृषि कानूनों खिलाफ चले मुल्क व्यापी विजेता संघर्ष जैसे संघर्षों का रास्ता उभारने के लिए जोरदार जागृति/
चेतना मुहिम चलाने का फैसला किया गया है। यह जानकारी देते हुए संगठन के राज्य जनरल सैक्टरी सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने बताया कि संगठन की नीति चुनावों के वहिष्कार करने की नहीं बल्कि निरपेक्ष रहने की है जिसके मुताबिक किसी भी स्तर की सरकारी चुनावों में संगठन का ब्लाक से लेकर राज्य स्तरीय तक का कोई भी नेता न तो आप उम्मीदवार खड सकता है एवं न ही किसी उम्मीदवार की हिमायत कर सकता है। हर एक
संगठित सदस्य को अपनी मर्जी मुताबिक़ किसी भी उमीदवार को वोट डालने या न डालने का फैसला करने का अधिकार है ,कयोंकि चुनाव लड रही सभी वोट पार्टीयां किसानों समेत श्रमिक लोगों में फूट डालकर उनकी एकता को तोड़ने का काम करती हैं। जबकि उनके जवलंत एवं बुनियादी मसलों का समाधान एकता एवं संघर्षों द्वारा ही होता है।
उन्होंने बताया कि 15 जनवरी को हो रही संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय मीटिंग से तुरंत बाद जागृति चेतना मुहिम की ठोस योजना बंदी बनाकर संगठन के आधार वाले सभी जिलों में शिक्षा मुहिम का सिलसिला चलाया जाएगा। शिक्षा मुहिमों की तैयारी के लिए हर स्तर की आगू टीमों को चेतंन करने एवं अन्य संगठित
नेताओं समेत आम लोगों तक इस विषय सबंधी संगठन की पूरी समझ संपेक्ष रूप में व्यान करता
छपा पैंफ्लेट 1लाख की संख्या में बांटनेके लिए आज सभी जिलों में
बांटकर सौंप दिया है।
किसानों व खेत मजदूरों को कर्जों
आत्म हत्याओं से मुक्त करवाने वाले अहिम मुद्दे जमीनी सुधार कानून लागू करके जमीनों की नाबराबरी को खत्म, सूदखोरी को
खत्म करने के इलावा समस्त श्रमिकों की जिंदगी तबाह करने वाले निजीकरण, व्यापारीकरण, संसारीकरण की साम्राज्यी नीतियों के कारण फैली बेरोजगारी, महंगाई, नशों जैसे अहिम मुद्दों के बारे में एवं इनके समाधान के लिए कृबानीयां भरे संघर्षों की तैयारी इस मुहिम के टीचे होंगे। मीटिंग में झंडा सिंह जेठूके, सिंगारा सिंह मान, जनक सिंह भूटाल, जगतार सिंह कालाझाड,हरिंदर कौर बिंदु ,कमलजीत कौर बरनाला, परमजीत कौर पित्तथो, से इलावा 16 जिलों के प्रधान सचिव शामिल थे।