शूगरफैड के चेयरमैन द्वारा समूह पार्टियों को किसान संघर्ष के पीछे रह कर समर्थन का आह्वान
A.S. Arshi ,चंडीगढ़, 20 जनवरी: 2021
देशभर में किसान संगठनों ने जो आंदोलन चलाया है, वह हर तरह से जायज़ और समय की ज़रूरत है क्योंकि अगर आज काले कानूनों के खि़लाफ़ सम्बन्धित पक्ष चुप रहे तो किसानी तबाह हो जायेगी। यह बात शूगरफैड पंजाब के चेयरमैन और पूर्व लोकसभा मैंबर स.अमरीक सिंह आलीवाल ने कही।
आज यहाँ जारी प्रैस बयान में स.आलीवाल ने कहा कि इस किसान आंदोलन में राजनैतिक लोगों में से सबसे प्रशंसनीय कार्य पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किया है जिन्होंने किसानों के दुख को समझते हुए विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाकर केंद्रीय कानूनों को बेअसर करने के लिए तीन संशोधन बिल भी पास किये। इसके अलावा पिछले सात महीनों से पंजाब में आंदोलन कर रहे किसी किसान को कोई दिक्कत भी नहीं आने दी। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने धड़ल्लेदार स्वभाव और दूरदर्शी सोच के मुताबिक केंद्र सरकार के साथ भी झगड़ा मौल लिया और किसानों की भी हिमायत की। उन्होंने कहा कि देश का प्रधानमंत्री जुमले सुनाता है परन्तु पंजाब का मुख्यमंत्री वास्तव में काम करता है।
स. आलीवाल ने कहा कि भाजपा को छोडक़र देश की सभी राजनैतिक पार्टियाँ और नेताओं को कैप्टन अमरिन्दर सिंह से सीख लेकर पीछे रहकर किसान संघर्ष की मदद करनी चाहिए और किसान झंडे और बैनर तले ही संघर्ष लडऩा चाहिए। किसी भी राजसी पार्टी को अपने झंडे नहीं दिखाने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन इस समय दुनिया के लोगों का आंदोलन बन गया है। इसमें हर धर्म और हर वर्ग के लोग एक दूसरे से आगे बढक़र योगदान दे रहे हैं। इस आंदोलन की यह भी विलक्षणता है कि इसमें जोश और होश अर्थात नौजवान और बुज़ुर्ग ही नहीं बल्कि महिलाएं भी हिस्सा ले रही हैं।
स. आलीवाल ने आगे कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसान संगठनों के साथ लगातार मीटिंगें भी कीं और संगठन उनके सुझावों का सम्मान भी करते हैं परंतु अकाली दल बादल और भाजपा ने किसानों की कद्र नहीं की और न ही कभी किसानों से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से कोई सलाह माँगी है। इसी कारण भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसान संघर्ष के दौरान किसानों की हमदर्दी नहीं ले सकी बल्कि हर फ़ैसले के समय अपानई गई दोगली नीति के कारण किसानों की घृणा की पात्र बनी हुई है।
स. आलीवाल ने संघर्ष चला रहे किसान संगठनों को संयम के साथ शांतमयी आंदोलन करने के लिए बधाई भी दी। किसानों का जलसा भी दिन प्रतिदनि बढ़ता जा रहा है और व्यापक प्रबंध भी किये हुए हैं। उन्होंने कहा कि स. बलबीर सिंह राजेवाल सहित सभी नेता जो बार बार शांतमयी रहने की अपील कर रहे हैं, वह बिल्कुल ठीक कह रहे हैं क्योंकि संघर्ष हमेशा शांतमयी ही कामयाब होते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भी जि़द छोडक़र खुला दिल दिखाते हुए किसानों की माँगें तरुंत मान लेनी चाहिएं क्योंकि इस संघर्ष में बच्चे, बच्चियाँ, बीबीयों के साथ बुज़ुर्ग भी कड़ाके की ठंड में सडक़ों पर बैठे हुए हैं और हर रोज़ किसान भाई अपनी जान गंवा रहे हैं जिसका कलंक सरकार के माथे पर ही लग रहा है।
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