स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर 80 अध्यापकों का राज्य स्तरीय पुरस्कारों से सम्मान
Balwinderpal , पटियाला, 5 सितम्बर:2021
पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरपरस्ती अधीन करवाए गए वर्चुअल कम ऑफलाइन राज्य स्तरीय अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर पंजाब के स्कूल शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य के 80 अध्यापकों को गौरवमयी सेवाएं निभाने के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार ने पिछले 4 सालों में राज्य के अंदर शिक्षा प्रणाली की समूची सूरत बदल दी है और इसके निष्कर्ष के तौर पर सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की मेहनत की वजह से पंजाब देश भर में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभरा है।
श्री विजय इंदर सिंगला ने पटियाला में थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नॉलॉजी के ऑडीटोरियम में पटियाला समेत संगरूर, साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर और फ़तेहगढ़ साहिब के 23 अध्यापकों को सर्टिफिकेट देकर निजी तौर पर सम्मानित किया, जबकि बाकी अध्यापकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा राज्य के बाकी जि़ला मुख्य कार्यालयों में सम्मानित किया गया। इनमें 36 अप्पर प्राईमरी अध्यापकों और 22 प्राईमरी अध्यापकों को राज्य पुरस्कार, 6 अप्पर प्राईमरी और 5 प्राईमरी अध्यापकों को युवा अध्यापक पुरस्कार और 11 शिक्षा अधिकारियों को प्रशासनिक राज्य पुरस्कार दिए गए।
राज्य भर के अध्यापकों को शिक्षक दिवस की बधाई देते हुए श्री विजय इंदर सिंगला ने देश के मरहूम राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जिनका जन्म आज के दिन 1888 को हुआ था, को अपनी श्रद्धा और सत्कार भेंट करते हुए कहा कि उन्होंने अपने आप को राष्ट्रपति होने के बावजूद एक अध्यापक कहलवाना अधिक पसंद किया था। उन्होंने अध्यापकों को सत्कार देते हुए कहा कि माता-पिता के बाद अध्यापक ही किसी व्यक्ति के जीवन के अहम रोल मॉडल होते हैं, इसलिए अध्यापक किस्मत वाले हैं कि वह राष्ट्र के निर्माता अध्यापक जमात का हिस्सा बने।
श्री विजय इंदर सिंगला ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार द्वारा शिक्षा का मानक ऊँचा उठाने के लिए पहली कैबिनेट मीटिंग में ही अहम फ़ैसले लिए गए, निष्कर्ष के तौर पर सरकारी स्कूलों में प्री-प्राईमरी शिक्षा चालू हुई और आज बाकी राज्य भी पंजाब की तजऱ् पर शिक्षा सुधार अमल में ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार के फ़ैसलों और अध्यापकों की मेहनत की वजह से आज राज्य में 7 लाख विद्यार्थी प्राईवेट स्कूलों को छोड़ कर सरकारी स्कूलों में दाखि़ल हुए हैं और सरकारी स्कूलों के अध्यापक विद्यार्थियों के सही मार्गदर्शक बने हैं और आई.एस.बी. और भारतीय पब्लिक पॉलिसी अध्यापकों को शिक्षित करने के लिए आगे आए हैं।
श्री सिंगला ने बताया कि कैप्टन सरकार ने अध्यापकों की भर्ती और तबादलों की नीति पारदर्शी और मेरिट पर करने की नीति बनाई, जिसके स्वरूप बच्चों के भविष्य से जुड़े मसलों में कोई कोताही सामने नहीं आई। उन्होंने कहा कि कोविड की चुनौती के बावजूद सरकारी अध्यापकों ने शिक्षा के क्षेत्र में विलक्षण सेवाएं निभाते हुए शानदार कार्य करके दिखाया है। जबकि शिक्षा विभाग के समूह अमले की साझी मेहनत के स्वरूप स्मार्ट स्कूल नीति भी सफल हुई। श्री सिंगला ने उम्मीद जताई कि पंजाब नेशनल अचीवमेंट सर्वे में भी अग्रणी रहेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में देश का सबसे बढिय़ा अध्यापक-विद्यार्थी अनुपात है और सरकारी स्कूलों में खेल समेत समूचा बुनियादी ढांचा मज़बूत किया गया है।
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि वह गर्व महसूस करते हैं कि उनको इस विभाग की सेवा करने का गौरव प्राप्त हुआ और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह का शिक्षा प्रणाली को प्रफुल्लित करने का जो लक्ष्य निश्चित किया गया था वह पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों ने जो तरक्की की है उसके लिए अध्यापकों का बहुत बड़ा योगदान है।
इस मौके से पहले स्कूल शिक्षा के सचिव श्री कृष्ण कुमार ने श्री सिंगला का स्वागत करते हुए राज्य स्तरीय पुरस्कारों की चयन प्रणाली को देश की सबसे बेहतर प्रणाली बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पिछली बार अध्यापकों को दिए जाने वाले राज्य पुरस्कारों में वृद्धि करते हुए युवा अध्यापकों, स्कूल प्रमुखों और अधिकारियों के लिए पुरस्कार आरंभ किए, जिससे नौजवान अध्यापकों के उत्साह का भी लाभ लिया जाए।
इस अवसर पर विशेष तौर पर पहुँचे तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री रमेश कुमार गंता ने अध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा एक मिशन है और उनको इस बात की खुशी है कि पंजाब की स्कूल शिक्षा देश की बेहतर शिक्षा प्रणाली है। उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी युग में अध्यापकों की महत्वता और भी ज़्यादा बढ़ गई है। डी.पी.आई. (सेकेंडरी) सुखजीतपाल सिंह ने सबका धन्यवाद किया।
इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर पटियाला कुमार अमित, पंजाब टैक्निकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जसप्रीत सिंह, डी.पी.आई. (सै.शि.) सुखजीतपाल सिंह, ए.डी.सी. (ज) पूजा सिआल, एस.डी.एम. चरनजीत सिंह, एस.पी. ट्रैफिक़ और सुरक्षा पलविन्दर सिंह चीमा, सहायक कमिश्रर (ज) जसलीन कौर इंचार्ज डी.पी.आई. (ऐली.शि.) हरिन्दर कौर, डिप्टी डायरैक्टर (स्पोट्र्स) सुनील कुमार, सहायक डायरैक्टर (सै.शि.) करमजीत कौर, जि़ला शिक्षा अफ़सर (सै.शि.) मोहाली जर्नैल सिंह कालेके, बलजिन्दर सिंह जि़ला शिक्षा अधिकारी (ऐ.शि.) मोहाली, प्रभसिमरन कौर जि़ला शिक्षा अफ़सर (सै.शि.) फतेहगढ़ साहिब, जगविन्दर सिंह जि़ला शिक्षा अफ़सर (ऐ.शि.) फतेहगढ़ साहिब उपस्थित थे। इसके अलावा राज्य के बाकी जि़ला हैडक्वारटजऱ् पर हुए वर्चुअल राज्य अध्यापक पुरस्कार समारोहों के दौरान जि़ला शिक्षा अधिकारियों ने शिरकत की। मंच संचालन मुख्य अध्यापिका रुपिन्दर कौर गरेवाल और अमरदीप सिंह बाठ ने किया।
इस दौरान अप्पर प्राईमरी में से पूजा शर्मा नवांशहर (शहीद भगत सिंह नगर), अमृतपाल सिंह छपार, नवदीप शर्मा गोसल, वरिन्दर परवीन सेखेवाल (लुधियाना), अमृतपाल सिंह चौर वाला, करमजीत कौर सिद्धूपुर कलाँ, राजीव कुमार फैजुलापुर, (फतेहगढ़ साहिब), सुरिन्दर मोहन दीना नगर, प्रिं. रजनी बाला श्री हरगोबिन्दपुर, (गुरदासपुर), नरिन्दर लाल बनीलोधी (पठानकोट), चंद्र शेखर लाडोवाली, कुलविन्दर सिंह गाखल धालीवाल (जालंधर), मुख्य अध्यापक भूषण कुमार मरदांहेड़ी, परमदीप कौर घग्गा, निरंजन सिंह भगवानपुर जट्टां (पटियाला), चरनजीत सिंह छन्ना शेर सिंह, बलजिन्दर सिंह मनसूरवाल दोना (कपूरथला), गुरप्रीत सिंह पक्खी खुर्द (फरीदकोट), मीनाक्षी आरिफ के (फिरोजपुर), मुख्य अध्यापक नरिन्दर सिंह चविंडा कलां, प्रिं. गुरिन्दर कौर तलवंडी दोसांधा सिंह (अमृतसर), गुरजंट सिंह बधीआणा, मुख्य अध्यापक हरजिन्दर सिंह बोड़ावाल (मानसा), डॉ. कुलदीप सिंह बनूड़ (एस.ए.एस. नगर), छवि बल्लां कलां (रूपनगर), जसमन सिंह हाजीपुर (होशियारपुर), मुख्य अध्यापक कपिल कुमार मधीर (श्री मुक्तसर साहिब), लखविन्दर सिंह जहांगीर (तरन तारन), रुपिन्दरजीत कौर सासूवाला (मोगा) को राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इसी तरह प्राईमरी में से राजिन्दरपाल कौर शुकरपुरा, जीत राज चौंता (गुरदासपुर), शशि भूषण गौड दित्तूपुर फकीरां, बेअंत सिंह सलाणा (फतेहगढ़ साहिब), निर्भय सिंह भून्दड़ (बठिंडा), अमरिन्दर सिंह खेड़ी सोढियां (संगरूर), राकेश सैनी ठाकुरपुर, प्रवीन सिंह चसमा (पठानकोट), दिनेश ऋषि बर्हे (मानसा), कुलविन्दर सिंह सेढा सिंह वाला (फरीदकोट), हरविन्दर सिंह गाँव मलोट-1 (श्री मुक्तसर साहिब), जसविन्दर कौर लुम्बड़ी वाला (फिरोजपुर), बलजिन्दर सिंह टकारला (शहीद भगत सिंह नगर), परविन्दर सिंह कथेड़ा, सीमा कुलगरां (रूपनगर), गुरविन्दर कौर मुस्तफापुर (जालंधर) जगतार सिंह कादराबाद (पटियाला), मनदीप कौर माझी (संगरूर), रुपिन्दरजीत कौर बाबा आला सिंह (बरनाला), केवल सिंह इड्डा (जालंधर), बलविन्दर सिंह नारंगवाल (लुधियाना) को राज्य अध्यापक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
इसके अलावा युवा अध्यापक राज्य पुरस्कार दिए गए जिनमें से अप्पर प्राईमरी में से नरेश कुमार कल्लर खेड़ा (फाजिल्का), मुख्य अध्यापक सुमित बांसल दप्पर (एस.ए.एस. नगर), नीरज कुमारी भंगल खुर्द अमरगढ़ (शहीद भगत सिंह नगर), मुख्य अध्यापक प्रदीप कुमार पारक (श्री मुक्तसर साहिब), जसवीर कौर बलियाल, श्वेता शर्मा हिंमताना (संगरूर), प्राईमरी में किरनजीत कौर वाड़ा भाईका (फरीदकोट), शैल कुमारी मोहम्मद अमीरा, कृष्ण लाल पत्ती बीहला (फाजिल्का) और लियाकत अली रामपुर बहल (एस.ए.एस. नगर) शामिल हैं।
इसके साथ ही प्रशासनिक राज्य पुरस्कार भी शिक्षा अधिकारियों को दिए गए, जिनमें गुरदीप सिंह जि़ला शिक्षा अफ़सर (सै.शि.) कपूरथला, बिक्रमजीत सिंह उप जि़ला शिक्षा अफ़सर (सै.शि.), कपूरथला, अमरजीत सिंह जि़ला शिक्षा अफ़सर (ऐ.शि.) पटियाला, दीदार सिंह उप जि़ला शिक्षा अफ़सर (ऐ.शि.) फतेहगढ़ साहिब, डॉ. बूटा सिंह प्रिंसिपल डाइट अहमदपुर (मानसा), गुरप्रीत सिंह बी.पी.ई.ओ. समाना-3 (पटियाला), तृप्ता देवी बी.पी.ई.ओ. लुधियाना-1, भुपिन्दर कौर बी.पी.ई.ओ. मांगट-1 (लुधियाना), जसविन्दर सिंह बी.पी.ई.ओ. चोहला साहिब (तरन तारन) और अशोक कुमार बी.पी.ई.ओ. बंगा (शहीद भगत सिंह नगर) शामिल थे।
इसके अलावा शिक्षा मंत्री द्वारा नामज़द किए गए अधिकारियों और अध्यापकों में मलकीत सिंह जि़ला शिक्षा अफ़सर (सै.शि.) संगरूर, मुख्य अध्यापिका मुनीशा भल्ल रक्कड़ ढाहा (होशियारपुर), गुरजीत कौर पुतलीघर, आदर्श शर्मा (अमृतसर), शतीश कुमार आलोवाल, रजनी कालड़ा रणबीरपुरा (पटियाला), सुखबीर कौर हरदोबथवाला गुरदासपुर), प्रिं. भुपिन्दर पाल मंड, गगनदीप सिंह बस्ती मि_ू (जालंधर) और बलजीत सिंह भवानीगढ़ (संगरूर) शामिल हैं।