पंजाबी नौजवानों में रक्षा सेवाओं के प्रति जुनून और देशभगती की भावना पैदा करते मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल हुआ समाप्त*
G S Binder *चंडीगढ़, 20 दिसंबर: 2020
नौजवानों में रक्षा बलों के प्रति जुनून की मशाल जगाने में मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल की अहम भूमिका मानते हुये पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने नौजवानों को संबोधन होते हुये कहा कि वह अपनी आत्म-शक्ति और हुनर को निखारने की दिशा में काम करें जिससे देश को उन पर मान हो सके।
आज शाम यहाँ ऑनलाइन समारोह के दौरान चौथे मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल की समाप्ति के दौरान मनप्रीत बादल ने कहा कि यह बेहद तसल्ली और मान वाली बात है कि आई.एम.ए. के बैंचों में पिछले तीन सालों से सवार्ड ऑफ ऑनर का खि़ताब पंजाबी ही जीत रहे हैं। साल 2016 में मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत करने के कारणों संबंधी विस्तार से बताते हुये श्री बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व के लिए विशेष धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि नौजवानों की तरफ से फ़ौज को पेशे के तौर पर न चुने जाने के कारण फ़ौज में सेवा निभाने की हमारी महान परंपरा क्षीण पड़ती जा रही है और हम इसमें बदलाव लाना चाहते थे और मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल ने नौजवानों को रक्षा बलों की तरफ उत्साहित करने में अहम भूमिका निभाई है।
स. बादल ने कहा कि पूरा देश रक्षा बलों की तरफ से अपने वतन के लिए दी सेवाओं के लिए कजऱ्दार है। उन्होंने इस सालाना समागम को सफल बनाने के लिए प्रबंधकों का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस को साल का सबसे अधिक आकर्षित समागम पेश किया।
प्रसिद्ध मिलिट्री जनरलों, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह, पंजाब के राज्यपाल वी.पी सिंह बदनौर और पश्चिमी कमांड के सहयोग से की गई एक सांझी पहलकदमी मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल को साल 2016 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य हमारी नौजवान पीढ़ी को सेना को पेशे के तौर पर चुनने के लिए उत्साहित करना और सेना की जीवन शैली के बारे अवगत करवाना है।
इस सालाना समागम ने रक्षा साहित्य रचनाएंं, कलाओं, शिल्पकारी, संगीत और रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनियों सम्बन्धी सभी पहलूओं को सफलतापूर्वक पेश करके इस क्षेत्र में अपनी विलक्षण पहचान बना ली है।
इस मौके पर बोलते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री के सीनियर सलाहकार लैफ्टिनैंट जनरल टी.ऐस शेरगिल ने इस समागम के आयोजन के लिए उत्साहित करने और सहयोग देने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह का धन्यवाद किया। उन्होंने इस समागम को सफल बनाने के लिए किये मार्ग दर्शन के लिए राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर का धन्यवाद भी किया। इसके इलावा उन्होंने इस समागम में समर्थन और मार्ग दर्शन के लिए पश्चिमी कमांड की सराहना भी की।
जनरल ने उम्मीद जताई कि यह फैस्ट हमारे नौजवानों को रक्षा बलों की पेशे के तौर पर चयन करने के लिए उत्साहित करेगा। उन्होंने यह भी उम्मीद ज़ाहिर की कि यह फेस्टिवल अगले साल अक्तूबर 2021 में कोविड मुक्त वातावरण में लोगों के पूरे सम्मिलन के साथ आयोजित किया जायेगा।
इस मौके पर वित्त मंत्री ने एल.ए.सी. पर भारत -चीन के रूख के बारे महत्तपूर्ण जानकारी भरपूर ई -बुक्क ‘लद्दाख़ 2020 भी लांच की।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को आनलाइन फेस्टिवल का उद्घाटन किया था और इस उपराले के रूप में पंजाब की तरफ से रक्षा बलों को दी सच्ची श्रद्धाँजलि की सराहना की। जय जवान, जय किसान का विषय तीन दिनों फेस्टिवल के दौरान गूँजा जिसमें सांसारिक और क्षेत्रीय महत्ता वाले व्यापक विषय-वस्तुओं पर विचार विमर्श करवाए गए।
यह समागम अगले साल होने वाले पाकिस्तान के विरुद्ध 1971 की जंग के गोल्डन जुबली समारोहों का आधार बंधने के तौर पर मनाया गया।
सम्मान -प्राप्त रक्षा अफ़सर, विषय माहिर और राजनैतिक नेताओं समेत पूर्व नेवी चीफ़ एडमिरल सुनील लांबा, संसद मैंबर शशि थरूर, संसद मैंबर मनीष तिवारी, राम माधव, राजदूत के.सी. सिंह, डा. था क्रिस्टीन फेयर, प्रो सी राजा मोहन, गुल पनाग, शुभरा गुप्ता ने 13 पैनल विचार-विमर्श में भाग लिया जिस दौरान अलग विषयों पर चर्चा की गई। इसके इलावा विचार-विमर्श के दौरान 7 कलेरियन काल-जोश और जज़्बा एपिसोड और 3 पुस्तकों पर विचार -चर्चा की गई जिनमें कुल 85 से अधिक प्रसिद्ध वक्ता और माहिरों ने हिस्सा लिया। इस साल पूरी तरह आनलाइन करवाए गए इस फेस्टिवल को 20 लाख से अधिक श्रोताओं ने आनलाइन देखा। फेस्टिवल को देखने वाली नौजवान आबादी में भारी विस्तार देखने को मिला।
आनलाइन समाप्ति समारोह के दौरान मेजर जनरल टी.पी.एस. वड़ैच, मेजर जनरल ए.पी सिंह, ब्रिगेडियर जे.एस अरोड़ा, ब्रिगेडियर प्रदीप शर्मा, कर्नल पैरी ग्रेवाल, कर्नल ओटो चाहल, कर्नल जर्नैल सिंह, कर्नल एन.के.एस बराड़, कर्नल एन.के. शर्मा, कर्नल ए.पी.एस. जौहल, कर्नल हरजीत सिंह, मेजर मुनीष कुमार, मेजर आर.एस. विर्क, कर्नल जे.ऐस. बाठ, कर्नल आर.एस. बराड़, मुख्यमंत्री के सीनियर सलाहकार लैफ्टिनैंट जनरल टी.एस. शेरगिल के ओ.ऐस.डी. करनवीर सिंह, सुमेर बराड़ और मनदीप सिंह बाजवा शामिल हुए।
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