सेंट्रल विश्वविद्यालय में एकता दिवस शपथ समारोह

Advertisement
Spread information

अशोक वर्मा/ बठिंडा, 31 अक्टूबर 2022

भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 147वीं जयंती और राष्ट्रीय एकता दिवस को चिन्हित करने हेतु पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय में सोमवार को राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ समारोह, रन फॉर यूनिटी, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता और एक विशेष व्याख्यान जैसी विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई। जिनमें विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने भाग लिया।

Advertisement

इस अवसर पर सीयूपीबी के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के नेतृत्व में अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने की शपथ ली।

तदुपरांत एच.पी. विश्वविद्यालय, शिमला में चेयर प्रोफेसर प्रो. विवेकानंद तिवारी ने “सनातन परम्परा एवं राष्ट्रीय एकता के संवाहक सरदार पटेल” विषय पर व्याख्यान दिया। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्रो. विवेकानंद तिवारी ने कहा कि हमारा सनातन धर्म हमें ईमानदारी, पवित्रता , सद्भावना, दया, धैर्य, सहनशीलता, आत्मसंयम, उदारता और तपस्या जैसे गुणों का पालन करते हुए प्रकृति के साथ सद्भाव में जीवन जीना सिखाता है।

प्रो. विवेकानंद तिवारी ने सरदार पटेल के जीवन से जुड़े कई पहलुओं की चर्चा करते हुए कहा कि सरदार साहब एक ग़रीब किसान के घर में जन्म लेने के बाद बैरिस्टर तक की पढ़ाई करके अपना करियर छोड़कर गांधी जी के आह्वान पर आज़ादी के आंदोलन से जुड़े। जब देश आज़ाद हुआ तब अंग्रेज़ देश के सामने कई प्रकार के संकट छोड़कर गए। एक ओर विभाजन का संकट था, नई शासन प्रणाली को बनाने का सवाल था, नया संविधान बनना था और सबसे बड़ा संकट था 500 से ज्यादा रियासतों का भारत संघ में समावेश करना। लेकिन सरदार साहब ने निर्बल होती सेहत के बावजूद ये काम पूरा किया। उन्होंने पूरा जीवन किसानों की आवाज बुलंद करने में लगाया, अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ किसानों के अधिकारों के लिए कई सारे सत्याग्रह के आंदोलन किए। बारडोली सत्याग्रह के कारण ही उन्हें सरदार की उपमा मिली थी।

अपने अध्यक्षीय भाषण में, प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरदार पटेल ने लगभग 560 रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए एक अखंड भारत का निर्माण किया। उन्होंने युवाओं से सरदार साहब के जीवन और व्यक्तित्व से प्रेरणा लेते हुए एक-दूसरे की संस्कृति का सम्मान करते हुए सामूहिक रूप से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार करने का आह्वान किया।

 

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के एनएसएस प्रकोष्ठ द्वारा जिला स्तरीय पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें बठिंडा के नो स्कूलों से छात्रों ने भाग लिया और राष्ट्रीय एकता दिवस की थीम पर सुंदर पोस्टर बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

 

शाम को विश्वविद्यालय परिसर में “रन फॉर यूनिटी” का आयोजन किया गया। परीक्षा नियंत्रक और कार्यवाहक कुलसचिव प्रो. बी.पी. गर्ग ने दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम में करीब 125 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

 

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
error: Content is protected !!