पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय में विश्व हिंदी दिवस 2022 पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन
अशोक वर्मा,बठिंडा, 10 जनवरी 2022:
विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय बठिंडा के हिंदी विभाग द्वारा कुलपति आचार्य राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में आभासी पटल के माध्यम से ‘हिंदी का वैश्विक परिदृश्य’ विषयक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक आचार्य शैलेन्द्र शर्मा इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
देश के विभिन्न हिस्सों से इस कार्यक्रम में भाग ले रहे प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आचार्य शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि हमारी राजभाषा हिंदी भारतीय संस्कृति की मूल भावना वसुधैव कुटुम्बकम की संवाहिका है तथा इस भाषा ने विश्व बंधुत्व की भावना को प्रवाह देते हुए देश और दुनिया को एक सूत्र में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास और संत कबीर द्वारा रचित हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध रचनाओं तथा देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लोक चेतना को जागृत करने हेतु हिंदी भाषा के प्रयोग द्वारा जन-जन में हिंदी की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने हिंदी भाषा की विभिन्न भाषाओं के साथ घनिष्ठ सहभागिता को रेखांकित करते हुए दुनिया में हिंदी के विभिन्न क्षेत्रीय बोली रूपों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत के नागरिकों और विश्व भर में प्रवासी भारतीयों द्वारा संपर्क भाषा के रूप में हिंदी के प्रचार-प्रसार में दिए अमूल्य योगदान ने न सिर्फ हिंदी भाषा को दुनिया की सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषाओँ की सूची में सम्मिलित किया बल्कि इंटरनेट एवं आईसीटी कंपनियों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लोगों को अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त हिंदी भाषा में अपनी अभिव्यक्ति की स्वाधीनता प्रदान करने के लिए प्रेरित भी किया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति आचार्य राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने भारतीय संस्कृति, परंपरा और संस्कारों को बढ़ावा देने में देश की गौरवशाली भाषा हिंदी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए युवाओं से शुद्ध हिंदी शब्दावली को अपने दैनिक जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के आरंभ में डॉ. कुलभूषण शर्मा ने सभी का अभिनंदन करते हुए विश्व हिंदी दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. दीपक पांडेय ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया। अंत में हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र कुमार सेन ने मुख्य वक्ता के प्रति आभार व्यक्त किया तथा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों सहित देश के विभिन्न संस्थानों के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।